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by ठाकुरदत्त मिश्र

अनर्घराघव

संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर

by ठाकुरदत्त मिश्र

लेखक : ठाकुरदत्त मिश्र

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : किताब महल, इलाहाबाद

प्रकाशन वर्ष : 1965

श्रेणियाँ : नाटक

पृष्ठ : 75

सहयोगी : सरदार शहर पब्लिक लाइब्रेरी

अनर्घराघव

पुस्तक: परिचय

यह पुस्तक संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर है। इसकी रचना रामचरितमानस के आधार पर की गई है। इसमें राम-लक्ष्मण की वनवास से लेकर लंका विजय तथा अयोध्या वापसी और राजभिषेक तक की सभी घटनाओं का संक्षेप में वर्णन है। सभी घटनाओं को कथोपकथन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह संस्करण किशोर अवस्था के पाठकों के लिए ही काव्य की अनुभूति और रस के साथ तैयार किया गया है जिससे वह देश की संस्कृति से परिचित होकर जुड़ सकें।

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