by ठाकुरदत्त मिश्र
अनर्घराघव
संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर
संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर
यह पुस्तक संस्कृत के प्रसिद्ध नाट्यकार मुरारिकृत ''अनर्घराघवम'' नामक नाटक का हिंदी रूपांतर है। इसकी रचना रामचरितमानस के आधार पर की गई है। इसमें राम-लक्ष्मण की वनवास से लेकर लंका विजय तथा अयोध्या वापसी और राजभिषेक तक की सभी घटनाओं का संक्षेप में वर्णन है। सभी घटनाओं को कथोपकथन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह संस्करण किशोर अवस्था के पाठकों के लिए ही काव्य की अनुभूति और रस के साथ तैयार किया गया है जिससे वह देश की संस्कृति से परिचित होकर जुड़ सकें।
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