चीज़ें पर बेला
कविता के भाव में कहें
तो चीज़ें वे हैं जिनसे हमारी दुनिया बनती है और बर्बाद भी होती है। यहाँ प्रस्तुत है चीज़ों की उपस्थिति-अनुपस्थिति को दर्ज करती कविताओं का यह व्यापक चयन।
सोडा, बन-मस्का और वाल्टर बेन्यामिन
सोडा और बन-मस्का पुणे के कैंप इलाक़े में साशापीर रोड पर एक कम प्रचलित शरबतवाला चौक है। शरबत अरबी शब्द है, शराब भी इसी से निकला है। शरबतवाला चौक पर 1884 में फ़्लेवर्ड सोडा कंपनी की शुरुआत हुई। पुणे
जिसका अपना कोई रहस्य नहीं होता, उसे दूसरों के रहस्यों में बहुत रुचि होती है
सावधानी का केवल एक क्षण होता है, जहाँ आप रुक सकते हैं। ~~~ अगर मैं आपसे कहूँ कि मानव दौड़ की भाषा ही औसत दर्जे का प्रयास है तो? शब्द, रचनाएँ, साहित्य सब कुछ क्या यह अभिव्यक्ति का सबसे औसत दर्ज
शुद्ध भाषा किस चिड़िया का नाम है?
कुछ मित्र अक्सर हिंदी में प्रूफ़ रीडिंग की दुर्गति पर विचार करते रहते हैं। ऐसे में अचानक थोड़ी पुरानी बात याद आ गई। मैं एक बार हिंदी के एक बड़े लेखक के घर बैठा हुआ था। मैंने बातों-बातों में ही ख़र्च