प्रतीक्षा पर उद्धरण

प्रतीक्षा या इंतिज़ार

किसी व्यक्ति अथवा घटित के आसरे में रहने की स्थिति है, जहाँ कई बार एक बेचैनी भी अंतर्निहित होती है। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतीक्षा के भाव-प्रसंगों का उपयोग करती कविताओं से एक अलग चयन।

क्या ज़िंदगी प्रेम का लंबा इंतज़ार है?

गोरख पांडेय

चलते हुए आदमी के लिए इंतजार करना आसान है। पर ठहरे हुए आदमी के लिए?

मृदुला गर्ग

अंत का इंतज़ार ही नहीं करना चाहिए, उसका इंतज़ाम भी करना चाहिए।

कृष्ण बलदेव वैद

जो बहुत प्रतीक्षा करता है वह बहुत कम उम्मीद कर सकता है।

ग्रैबियल गार्सिया मार्खे़ज

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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