सपनों के-से दिन
मेरे साथ खेलने वाले सभी बच्चों का हाल एक-सा होता। नंगे पाँव, फटी-मैली सी कच्छी और टूटे बटनोंवाले कई जगह से फटे कुर्ते और बिखरे बाल। जब लकड़ी के ढेर पर चढ़कर खेलते नीचे को भागते तो गिरकर कई तो जाने कहाँ-कहाँ चोट खा लेते और पहले ही फटे-पुराने कुर्ते तार-तार