मीडिया पर उद्धरण
मीडिया का सामान्य अर्थ
संचार-माध्यम है। समकालीन संवाद में यह मुख्यतः न्यूज़ मीडिया और सोशल मीडिया को सूचित करता है। मीडिया को लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में देखा जाता है। समय के साथ इसकी छवि सत्ता में अपनी हिस्सेदारी चाहते एक शक्ति-समूह के रूप में भी बनी है। इस चयन में मीडिया के सरोकारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद करती कविताओं का संकलन किया गया है।
उपभोक्ता समाज को टी.वी., रेडियो, कॉस्मेटिक्स और संचार के आधुनिक साधन चाहिए। कविता सबसे बाद में चाहिए, या फिर नहीं चाहिए। ऐसा एक समाज हमने बनाया है।
किसी ख़बर का पीछा कर उसे सबसे पहले पकड़ने के बदले उसके उत्स को खोजना ज़रूरी काम है।
मेरा टेलीविज़न लगभग प्रलाप जैसी भाषा में जो लगातार बोलता रहता है, एक ख़ास तरह का प्रदूषण मेरी भाषा की दुनिया में—उसके ज़रिए भी फैलता है।
मीडिया का डर एक व्यर्थ का डर है।