मनुष्यता पर कविताएँ

जितना ऊँचा उठता है आदमी

शेषेन्द्र शर्मा

ढेरी हो जाने तक

ओम पुरोहित ‘कागद’

बहाना

साँवर दइया

मनुष्यता

मैथिलीशरण गुप्त

गंगा-जल

बच्चा लाल 'उन्मेष'

उनमें केवल तुम ही थे

खेमकरण ‘सोमन’

प्राण

रवींद्रनाथ टैगोर

यात्री

जीवनानंद दास

मँगरा कीड़ा

चंद्रेश्वर

सुनहली वनैला

ग़ुलाम अहमद गाश

वह हामिद था...

कौशल किशोर

घायल मानवता

अरविन्द

मनस्वी

सामि पषनियप्पन

मेरा पता

जितेन्द्र उधमपुरी

हद

माधुरी

मन करता है

केदार कानन

एक पुजारी एक भगवान

नरसिंह देव जम्वाल

कॉकरोच

द्वारिका उनियाल

मनुज

गुरजाड अप्पाराव

टिड्डी-दल

चिंतामणि बेहेरा

मिट्टी से सरल लोग

योगेश कुमार ध्यानी

इंसान सदियों से

तारा सिंह विर्क

समाज

प्रियंका यादव

दो कविताएँ

अजायब कमल

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