पोलिंग बूथ पर कई चीज़ों का मतलब साफ़
जैसे सांप्रदायिकता माने कमल का फूल
और सांप्रदायिकता-विरोध यानी संघी कार्यकर्ताओं को फ़र्ज़ी वोट डालने से रोकना
भाजपा का प्रत्याशी
सभी चुनाव कर्मचारियों
और दूसरी पार्टी के पोलिंग एजेंटों को भी, मान लीजिए कि आर्थिक विकास के तौर पर
एक समृद्ध नाश्ता कराता है
इस तरह बूथ का पूरा परिवेश आगामी अन्याय के प्रति भी कृतज्ञ
ऐसे में, प्रतिबद्धता के मायने हैं नाश्ता लेने से मना करना
हालाँकि कुछ ख़ब्ती प्रतिबद्ध चुनाव पहले की सरगर्मी में
घर-घर पर्चियाँ बाँटते हुए हाथ में वोटरलिस्ट लिए
संभावित फ़र्ज़ी वोट ताड़ते हुए भी देखे जाते हैं
एक परफ़ेक्ट होमवर्क करके आए ये पहरुए
संदिग्ध नामों पर वोट डालने आए हुओं पर शक करते हैं
संसार के हर कोने में इन निर्भीकों की जान को ख़तरा है
इनसे चिढ़ते हैं दूसरी पार्टियों के लोग
अंतत: अपनी पार्टी वाले भी इनसे चिढ़ने लगते हैं
ये पिछले कई चुनावों से यही काम कर रहे होते हैं
और आगामी चुनावों तक करते रहते हैं
ऐसे सभी प्रतिबद्ध बूढ़े होते हुए हैं
और इनका आने वाला वक़्त ख़ासा मुश्किल है
अब सांप्रदायिक बीस-बीस जत्थों में बूथ पर पहुँचने लगे हैं
और खुलेआम सैफ़ुनिया सईदा फ़ुन्नन मियाँ जुम्मन शेख़ अमीना और हामिद के
नाम पर वोट डालते हैं
इन्हें मना करना कठिन समझाना असंभव रोकने पर पिटना तय
इनके चलने पर हमेशा धूल उड़ती है
ये हमेशा जवान होते हैं कुचलते हुए आते हैं
गालियाँ वाक्य विन्यास तय करती हैं चेहरे पर विजय की विकृति
सृष्टि में कहीं भी इनके होने के एहसास से प्रत्येक को डर लगता है
एक चुनाव से दूसरे चुनाव के बीच के अंतराल में
आजकल
फिर भी कुछ लोग इनसे लड़ने की तरकीबें सोच रहे हैं
- पुस्तक : फिर भी कुछ लोग (पृष्ठ 15)
- रचनाकार : व्योमेश शुक्ल
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
- संस्करण : 2009
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