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कानपुर 2016

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गिरिराज किराडू

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कानपुर 2016

गिरिराज किराडू

और अधिकगिरिराज किराडू

    “...तिया सोचता है हम ...तिये उसका जीवन

    कोने-कोने में ढूँढ़ेंगे उसे अदब से बताएँगे

    फ़ोन करके

    सर मिल गई है सी गेट

    ग्रे कलर आप कलेक्ट करने आएँगे या मैं आप के

    पते पर भिजवाने का इंतज़ाम करूँ

    हमारा होटल सच में आपके लायक़ नहीं था

    ऐसा लगता है आप अपना जीवन भूल जाने के लिए ही यहाँ आए थे”

    626 GB

    यह मेला उद्यम का है खड़े हो जाओ शुरू हो जाओ आय.आय.टी. में

    स्टार्ट अप प्रोफ़ेसर से मिलने जा रहा है एक लोकतंत्र-प्रेमी परदेसी

    भगाड़ जैसे पुल पर राष्ट्रवादी ऑटो से हिचखोले खाता हुआ

    शहर के दूसरे छोर मकरंद देशपांडे

    मकरंद देशपांडे का अभिनय कर रहा है

    ऊपरवाले ने कमलापसंद पूरे शहर पर थूक दिया है

    स्रोत :
    • रचनाकार : गिरिराज किराडू
    • प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका

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