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प्योली और चिड़िया

pyoli aur chiDiya

अनिल कार्की

अनिल कार्की

प्योली और चिड़िया

अनिल कार्की

और अधिकअनिल कार्की

     

    वह खिली
    वसंत के पहले दिन
    किसी पथरीली ज़मीन पर
    इसी तरह होता है पुनर्जन्म
    स्त्री का।

    मेरी ईजा1 का तो यहाँ तक विश्वास है कि
    स्त्री मरने के बाद चिड़िया बनती है
    या फिर बनती है फूल।

    वह बदला नहीं लेती
    फूल बनना ही होता है एक दिन
    उठी बंदूक़ का मक़सद भी
    या कि घर की चौहद्दियों से पार जाते क़दमों का मक़सद भी
    चिड़िया बनना ही होता है

    जब निपट लाल रंग हरियाता है
    तो पीले रंग में बदल जाता है
    तब पथरीली ज़मीनों पर प्रेमिका बनी स्त्री
    सबसे पहले वसंत का परचम लहराती है
    गाती है कहीं किसी डाने2 में
    साल3 पर बैठकर चिड़िया।

    ______

    प्योली : एक जंगली पीला फूल। कुमाऊँ में जिसके साथ स्त्री के पुनर्जन्म की कथा का मिथक जुड़ा है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनिल कार्की
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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