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जब देखा तव गावा

jab dekha tav gaava

नामदेव

नामदेव

जब देखा तव गावा

नामदेव

और अधिकनामदेव

    जब देखा तव गावा, तर जन धीरुज पावा।।

    नादि समाइलो रे सतगुर भेटिले देवा।।

    जह झिलिमिल कारु दिसंता।।

    तह अनहद सबद बजंता।।

    जोति जोति समानी, मैं गुर परसादी जानी।।

    रतन कमल कोठरी, चमकार बीजुल तही।।

    नेरे नाही दूरि, निज आतमै रहिआ भरपूरि।।

    जह अनहत सूर ऊजयारा, तह दीपक जलै घीया।।

    गुर परसादी जानिआ, जनु नामा सहज समानिआ।।

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी के जनपद संत (पृष्ठ 262)
    • रचनाकार : नामदेव
    • प्रकाशन : मोतीलाल बनारसी दास
    • संस्करण : 1963
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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