श्रीनरेश मेहता के उद्धरण
यह समाज, विभिन्न लोगों द्वारा निर्मित वृत्तों का एक ऐसा तंत्र है जो निरंतर उलझता ही जाता है।
-
संबंधित विषय : समाज
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
टिकट ख़रीदिए