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प्रेमचंद के उद्धरण

पश्चिम में जो चीज़ें अच्छी है, वह उनसे लीजिए। संस्कृत में सदैव आदान-प्रदान होता आया है; लेकिन अच्छी नक़ल तो मानसिक दुर्बलता का ही लक्षण है।

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