बाराबंकी के रचनाकार

कुल: 4

नई पीढ़ी की कवयित्री।

रीतिकाल के निर्गुण संतकवि। संत बुल्ला के शिष्य और 'सतनामी संप्रदाय' के संस्थापक।

नवें दशक के कवि-लेखक। ‘ख़िलाफ़ हवा से गुज़रते हुए’ चर्चित कविता-संग्रह।

नई पीढ़ी के हिंदी कवि-ग़ज़लकार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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