पटना के रचनाकार

कुल: 18

समादृत कवि-आलोचक। ‘नकेनवाद’ आंदोलन के तीन सूत्रधारों में से एक।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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