हाय सरदार पटेल!

hay sardar patel!

मनमोहन

मनमोहन

हाय सरदार पटेल!

मनमोहन

और अधिकमनमोहन

    सरदार पटेल होते तो ये सब होता

    कश्मीर की समस्या का तो सवाल ही नहीं था

    ये आतंकवाद-वातंकवाद कुछ होता

    अब तक मिसाइल दाग़ चुके होते

    साले सबके सब हरामज़ादे एक ही बार में ध्वस्त हो जाते

    सरदार पटेल होते तो हमारे ही देश में

    हमारा इस तरह अपमान होता!

    ये साले हुसैन-वुसैन

    और ये सूडो सेकुलरिस्ट

    और ये कम्युनिस्ट-वमुनिस्ट

    इतनी हाय तौबा मचाते!

    हर कोई ऐरे-गैरे साले नत्थू-खैरे

    हमारे सर पर चढ़कर नाचते!

    आबादी इस क़दर बढ़ती!

    मुट्ठी भर पढ़ी-लिखी शहरी औरतें

    इस तरह बक-बक करतीं!

    सच कहें, सरदार पटेल होते

    तो हम दस बरस पहले प्रोफ़ेसर बन चुके होते!

    स्रोत :
    • पुस्तक : ज़िल्लत की रोटी (पृष्ठ 125)
    • रचनाकार : मनमोहन
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए