दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में

duniya ke sabse baDe loktantr mein

गौरव भारती

गौरव भारती

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में

गौरव भारती

और अधिकगौरव भारती

    तस्वीरें डराती हैं

    असहाय रुदन किसी दुःस्वप्न से मालूम होते हैं

    मगर ये हक़ीक़त है मेरी जाँ

    कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में

    सत्ताधारियों के लिए

    ठंडे होते मासूम जिस्म महज़ आँकड़े हैं

    देश के भविष्य नहीं

    उनके अपने आँकड़े हैं

    उनका अपना विकास है

    सबसे अलहदा भविष्य देखा है उन्होंने

    लेकिन मैं उस भविष्य का क्या करूँ

    उस विकास का क्या करूँ

    जो उन बस्तियों से होकर नहीं गुज़रती

    जहाँ रोज़ भविष्य

    वर्तमान का शिकार हो रहा है

    इस अर्थतंत्र में

    इस बाज़ार में

    जहाँ सब कुछ दाँव पर लगा है

    मेरी एक छोटी-सी ख़्वाहिश है कि

    उनका देश रहे रहे

    हमारा मुल्क रहना चाहिए

    बस्तियाँ रहनी चाहिए

    किलकारियाँ रहनी चाहिए

    तितलियाँ रहनी चाहिए

    और रहनी चाहिए खिलौनों की गुंजाइश

    स्रोत :
    • रचनाकार : गौरव भारती
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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