फ़ुटबॉल जैसा ही कोई प्यारा खेल

फ़.uTabॉl jaisa hii ko.ii pyaara khel

संजय चतुर्वेदी

संजय चतुर्वेदी

फ़ुटबॉल जैसा ही कोई प्यारा खेल

संजय चतुर्वेदी

और अधिकसंजय चतुर्वेदी

    ये बच्चे यहाँ अँधेरा होने के बाद तक खेलते हैं फ़ुटबॉल

    भाग जाते हैं झाड़ियों में छिपे भूत-प्रेत

    इलाक़ा छोड़कर

    इनके पास हैं फटी क़मीज़ें

    वही पहनकर गए थे स्कूल

    नंगे पाँव

    और सुबह की रोटी के बाद कुछ खाया नहीं इन्होंने

    इन्हें नहीं है इच्छा किसी को हराने की

    बस भाग रहे हैं ख़ुश होकर इधर-उधर

    वे भी

    जो नहीं जाते स्कूल

    चेले स्कूटर मैकेनिकों के और दर्ज़ियों के कारीग़र

    इकठ्ठा हुए हैं मैदान में

    घुटनों से ऊपर लुंगियाँ लपेटे

    फ़ुटबॉल है बेख़ुदी का आलम

    चाय वाले का सात साल का नौकर

    भूल जाता है सुध-बुध

    किनारे रखकर गर्म चाय के दस गिलास

    खो जाता है लुंगियों वाली फ़ुटबॉल में

    चाय होती है धीरे-धीरे ठंडी

    फ़ुटबॉल के होते हैं पंख

    फ़ुटबॉल तन जाती है आसमान में

    सूरज और चंद्रमा की तरह

    बीस-तीस बच्चों की आँखों में

    फ़ुटबॉल होती है पतंग

    फ़ुटबॉल लुढ़कती है ख़ाली पेट में

    फ़ुटबॉल जाती है शताब्दियों के पार

    तोड़ती क़ब्रों मक़बरों इबादतगाहों को

    हवेली के शीशों को

    फ़ुटबॉल से बहता है ख़ून

    रात जब कड़ी ज़मीन पर आधे पेट सो जाते हैं खिलाड़ी

    मोहल्ले से आती है फ़ुटबॉल के रोने की आवाज़

    गलियों में बजती हैं जब पुलिस की सीटियाँ

    फ़ुटबॉल जाती है दूध की दूकान तक

    आधी रात हवाओं में तैरती है प्रार्थना

    भगवान्!

    आओ रहो इन बच्चों के साथ

    हवा भरो स्कूटर के पहियों में

    चाय की दूकान पर धोओ जूठे बर्तन

    और कुछ मज़दूरी खेती-बाड़ी की

    फिर शाम को हम सब मिलकर खेलेंगे

    फ़ुटबॉल जैसा ही कोई प्यारा खेल

    किसी दिन वे भी आएँगे बाहर

    जो कभी निकले नहीं घरों से

    या जिन्हें नसीब नहीं हुआ खेलना

    किसी दिन बनेंगे हरे-हरे मैदान

    दुनिया के सनमकदों को तोड़कर

    फ़ुटबॉल के अंदर हैं सपने

    हमारे साथ खेलेगा ईश्वर

    ये बच्चे सिखा रहे हैं हमें इबादत के नए तरीक़े

    फ़ुटबॉल से आती हैं उम्मीदें

    जैसी नहीं आईं पहले कभी।

    स्रोत :
    • रचनाकार : संजय चतुर्वेदी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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