मित्रों की बात

mitron ki baat

रमाशंकर सिंह

रमाशंकर सिंह

मित्रों की बात

रमाशंकर सिंह

और अधिकरमाशंकर सिंह

    मित्रों के बहकावे में आएँ

    जब वे कहें कि आप सुंदर हैं

    इसका अर्थ इतना भर है कि

    आपका साथ उन्हें रखता है सहज-राग में

    जब वे कहें कि आपकी बात आती है समझ

    इसका अर्थ है

    कि वे आपको सुनते हैं

    जब वे कहें कि आप विद्वान हैं

    तो यह मानकर चलिए

    कि वे मानकर चल रहे हैं

    आप अहमक़ नहीं हुए अभी तक

    जब वे कहें कि आपको कविता की तमीज़ है

    आपके पास है समझ भाषा की

    तब वे कहना चाहते हैं

    कविता मुद्रण के बाहर

    जीवन में घट रही है

    वे जीवन को देखने की सलाह देते हैं तब

    मित्रों की बात

    उनके कथन में नहीं

    उनकी प्रतिध्वनियों में हैं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : रमाशंकर सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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