पहली बार में जितना रोमांच हुआ था

pahli bar mein jitna romanch hua tha

ज्याेति शोभा

ज्याेति शोभा

पहली बार में जितना रोमांच हुआ था

ज्याेति शोभा

और अधिकज्याेति शोभा

    पहली बार में जितना रोमांच हुआ था मुझे 'वुदरिंग हाइट्स' पढ़ते हुए वैसा या उससे कुछ ज़्यादा अब भी होता है।

    मुझे कई बार लगता है ये एक निर्मम प्रेम की बेहद निर्मम गाथा है शायद इसलिए दुबारा कुछ दयनीय नहीं लिखा एमिली ने।

    अपने प्रेमी को जिस तरह मैंने अपना तन सौंप दिया था मन के साथ और जिन-जिन जगहों पर हमने प्यार किया वह सब लिख चुकी है क़ायनात आसमान के सबसे पास वाली ऊँची चोटी पर बर्फ़ की तरह या फिर अकेले नीले फूल की तरह।

    मेरी उँगलियाँ उसे छूने उठती है और रह जाती है एक कविता लिखकर।

    तुम्हारा यह कहना कितना सही है कि मेरा संयम है बेहद ऊँचा जबकि तुमने देखा नहीं अपने रक्त के कोलाहल से इसी महीने मैंने रचे तीन गीत।

    नीलकंठ दोबारा वर लाए थे गौरा को, और निहारते रहे अनवरत, मुस्कुराते विभिन्न अंगों की टीका रचते कालिदास के ऊपर। पुनरावृत्ति की चीज़ों में मुझे पसंद है सिर्फ़ यही।

    स्रोत :
    • रचनाकार : ज्योति शोभा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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