20-21 सितंबर को रायपुर में होगा हिंद युग्म उत्सव 2025
हिन्दवी डेस्क
16 सितम्बर 2025

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साहित्य प्रेमियों के लिए 2 दिवसीय ‘हिंद युग्म उत्सव 2025’ आयोजित होने जा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से छत्तीसगढ़ पहली बार इस अनोखे उत्सव का साक्षी बनेगा। आगामी 20 और 21 सितंबर को रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कहानियाँ, कविताएँ, संगीत और कला का संगम होगा। यह आयोजन कई मायनों में बहुत ख़ास है। जिसमें कई बड़े नामचीन साहित्यकारों को लोग सुनेंगे। साथ ही मानव कौल, राहगीर, फ़ैजल मलिक (पंचायत फ़ेम), परितोष त्रिपाठी, नीलोत्पल मृणाल, दिव्य प्रकाश दुबे जैसे बहुत से लेखकों-कलाकारों को क़रीब से जानने और सुनने का मौक़ा मिलेगा।
‘हिंद युग्म उत्सव 2025’, समादृत साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को केंद्र में रखकर आयोजित हो रहा है, जिसमें उनकी लिखी कविताओं की नाट्य-प्रस्तुतियाँ होंगी। साथ ही उन पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन होगा। इसके अलावा इस आयोजन में शामिल हो रहे साहित्य-प्रेमियों को किताबों की दुनिया, इसके नए ट्रेंड पर परिचर्चाएँ, लेखकों से मुलाक़ात, सिने-अभिनेताओं और सिनेमा-विशेषज्ञों से बातचीत और मुलाक़ात, ओपन माइक ‘छत्तीसगढ़ : मंच खुला है’ का डेडीकेटेड मंच, जहाँ 200 से अधिक नई प्रतिभाएँ अपनी प्रस्तुतियाँ देंगी, संगीतमय शाम, स्टैंड-अप कॉमेडी, बच्चों एवं बड़ों के लिए टेराकोटा, पेंटिंग इत्यादि की कार्यशालाएँ, देश भर के सभी महत्त्वपूर्ण प्रकाशकों की किताबों की प्रदर्शनियाँ, बिक्री के स्टॉल, AI (आर्टिफ़िशियल इंटिजेंस) पर विशेष-सत्र और प्रस्तुति, नई किताबों का लोकार्पण, आने वाली किताबों का कवर-रिलीज़, स्टोरीटेलिंग, लाइव-सिंगिंग का विशेष सत्र जैसे कई अनूठे स्लॉट निर्धारित किए गए हैं, जिसमें शामिल होने का मौक़ा मिलेगा।
इसके साथ ही ‘हिंद युग्म उत्सव’ के इस संस्करण में ‘हिन्दवी कैंपस-कविता’ कार्यक्रम का विशेष आयोजन भी होगा। हिन्दवी कैंपस कविता—‘हिन्दवी’ का एक विशेष आयोजन है। इस आयोजन के माध्यम से देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के साथ-सहयोग से वहाँ के विद्यार्थियों को साहित्य-सृजन के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है। हिंदी-संसार की ‘अभी बिल्कुल अभी’ की पीढ़ी को—हिंदी के श्रेष्ठ कवियों के मार्गदर्शन में रचनात्मकता से अवगत कराने में यह आयोजन अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहा है। अब तक देश के ग्यारह राज्यों के उन्नीस प्रतिष्ठित शिक्षण-संस्थानों में ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ के सफल आयोजन किए जा चुके हैं। इस आयोजन की शुरुआत ‘हिन्दवी’ ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग) के साथ वर्ष 2022 में सितंबर महीने में की थी। इस सिलसिले में आगे—
• शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (देहरादून)
• पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (बठिंडा)
• हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (हैदराबाद)
• हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (महेंद्रगढ़)
• बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ)
• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अलीगढ़)
• क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, एनसीईआरटी (भोपाल)
• राम लखन सिंह यादव कॉलेज (राँची)
• वी.एस.एस.डी. कॉलेज (कानपुर)
• देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (इंदौर)
• विश्व-भारती (शांतिनिकेतन)
• महादेवी वर्मा सृजनपीठ, कुमाऊँ विश्वविद्यालय (नैनीताल)
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली
• दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
• अंतर सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र, बी.एच.यू., वाराणसी
• गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, वडोदरा
• हिंदू कॉलेज, दिल्ली
• ए.एन. कॉलेज, पटना
के साथ मिलकर अब तक हिन्दवी कैंपस कविता के 19 आयोजन हो चुके हैं।
इस आयोजन का अखिल भारतीय स्वरूप ऑल इंडिया कैंपस कविता इस बार के ‘हिन्दवी उत्सव’ का एक प्रमुख आकर्षण था जिसे काफ़ी सराहा गया।
हिन्द युग्म प्रकाशन के सहयोग से हो रहा ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ कार्यक्रम—शनिवार, 20 सितंबर 2025 को दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित होगा। कार्यक्रम में अतिथि कवि के रूप में नरेश सक्सेना, आनंद बहादुर और बाबुषा कोहली उपस्थित होंगे।
इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी, जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य के लोकनृत्य, लोकगायन, लोक-कलाओं का प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य की लोक कलाकृतियों के कलाकारों द्वारा बनी पेंटिंग, मूर्ति, क्राफ़्ट इत्यादि का प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य के लोक व्यंजनों के स्टॉल, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ़्ट के स्टॉल भी लगाए जाएँगे।
ग़ौरतलब है कि हिंद युग्म उत्सव देश का एकमात्र घुमंतू साहित्य उत्सव है, जो हर वर्ष देश के अलग-अलग शहरों में आयोजित होता है। इस उत्सव का चौथा संस्करण छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 20 और 21 सितंबर 2025 को होने जा रहा है। इससे पहले इसके तीन संस्करण क्रमशः बाड़मेर, वाराणसी और भोपाल में आयोजित हो चुके हैं। इस उत्सव में देश के कोने-कोने से लेखक, साहित्यकार, विचारक, विषय-विशेषज्ञ, कलाकार, अभिनेता, सिनेमा से जुड़े विशेषज्ञ और संस्कृतिकर्मी किसी एक शहर में जमा होते हैं और लेखन, कला, साहित्य और किताबों की दुनिया पर चर्चा होती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। किताबों का उत्सव मनाया जाता है। किताबों और साहित्य की दुनिया के नए ट्रेंड्स, नए माध्यम और इनसे संबंधित व्यवसायों के लिए खुलते नए रास्तों पर बातचीत होती है।
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