कड़वक

यह स्वतंत्र छंद नहीं है, बल्कि एक शैली है। एक निश्चित कर्म में पाँच या सात चौपाइयों के बाद एक दोहे का प्रयोग। अपभ्रंश काव्य में दोहे के स्थान पर अडिल्ल का प्रयोग किया जाता रहा। सूफ़ियों ने अडिल्ल के स्थान पर दोहे का प्रयोग किया जिसे धत्ता कहा जाता है।

सूफ़ी संत। शाह निज़ामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परंपरा में 'हाजी बाबा' के शिष्य। भाषा में अवधी के साथ अरबी-फ़ारसी की शब्दावली का प्रयोग।

1515

चिश्ती संप्रदाय के संत शेख़ बुरहान के शिष्य। जौनपुर के बादशाह हुसैनशाह के आश्रित। प्रेम में त्याग और कष्टों के सुंदर वर्णन के लिए उल्लेखनीय।

समय : अज्ञात। कोमल कल्पना और स्निग्ध सहृदयता के सूफ़ी कवि।

1400 -1475

हिंदी में प्रेमाख्यान परंपरा का सूत्रपात करने वाले सूफ़ी कवि।

1467 -1542

भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

अपभ्रंश भाषा के 'वाल्मीकि'। रामकाव्य 'पउमचरिउ' से चर्चित।

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