गीत

गीत, काव्य की एक लोकप्रिय विधा है। यह विधा स्वर, पद और ताल से युक्त होती है। इसमें एक मुखड़ा और कुछ अंतरे होते हैं। प्रत्येक अंतरे के बाद मुखड़े को दुहराया जाता है। गेयता इसकी प्रमुख विशेषता है।

1911 -1987

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

1992

नई पीढ़ी के रचनाकार। पत्रकारिता से जुड़ाव।

1253 -1325

सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।

1970

हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय कवि-गीतकार।

1911 -1963

सुप्रसिद्ध गीतकार। विद्रोही और प्रगतिशील विचारों के लिए उल्लेखनीय।

1925 -2018

हिंदी के बेहद लोकप्रिय गीतकार। पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित।

1945 -1989

जनवादी विचारों के चर्चित क्रांतिकारी कवि। भोजपुरी में भी लेखन।

1974

सुपरिचित गीतकार।

1889 -1937

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।

आधुनिककाल की अलक्षित कवयित्री। इतिवृतात्मक शैली में राष्ट्रप्रेम को कविताओं का वर्ण्य-विषय बनाया।

1933 -1991

सुचर्चित गीतकार। आधुनिक हिंदी कविता के पहले दलित कवि। प्रारंभिक गीत, रचनाएँ और पुस्तकें देवेंद्र कुमार के नाम से प्रकाशित और प्रशंसित।

1935 -2009

सुचर्चित गीतकार।

1913 -1989

सुविख्यात कवि-गीतकार और संपादक। सिनेमा के लिए लिखे गए गीतों के लिए भी चर्चित।

1859 -1935

आधुनिक खड़ी बोली के प्रारंभिक कवियों में से एक। बहुभाषी। 'गर्भरंडा रहस्य' नामक कृति से चर्चित।

1549 -1600

बीकानेर नरेश के भाई और अकबर के दरबारी कवि। भक्ति साहित्य के लिए प्रसिद्ध। 'डिंगल' भाषा के प्रधान कवियों में से एक।

1856 -1894

भारतेंदु युग के महत्त्वपूर्ण कवि, गद्यकार और संपादक। 'ब्राह्मण' पत्रिका से चर्चित।

1968

हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय कवि-गीतकार। पटकथा और विज्ञापन-लेखन के लिए भी मशहूर।

1855 -1921

भारतेंदु युग के सुपरिचित लेखक। इनका स्मरण हिंदी साहित्य के प्रथम उत्थान का स्मरण है।

1883 -1907

सरल भाषा में देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करने वाली भारतेंदु युगीन कवयित्री।

1865 -1907

भारतेंदुयुगीन रचनाकार। 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक। 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।

1910 -1958

सुपरिचित कवि-कथाकार और नाटककार। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।

1929 -2011

‘राम की जल समाधि’ शीर्षक रचना के सुविख्यात गीतकार।

1850 -1885

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।

1907 -1987

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। कविता के साथ-साथ अपने रेखाचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

1926 -2002

अत्यंत प्रसिद्ध गीतकार।

1996

नई पीढ़ी के कवि-गीतकार। पत्रकारिता से संबद्ध।

1890 -1963

पारसी रंगमंच शैली के लोकप्रिय हिंदी नाटककार। ‘राधेश्याम रामायण’ कृति के लिए उल्लेखनीय।

1915 -1995

छायावादी कवि और गद्यकार।

1856

भारतेंदुयुगीन कवि, नाटककार, संपादक और अनुवादक।

1988

सुपरिचित गीतकार और गद्यकार।

1955

सुपरिचित गीतकार। 'भीड़ में बाँसुरी' और 'अक्षरों की कोख से' शीर्षक दो गीत-संग्रह प्रकाशित।

1944

‘एक ख़त जो किसी ने लिखा भी नहीं’ शीर्षक गीत के सुपरिचित गीतकार। कवि-सम्मेलनों में लोकप्रिय रहे।

1916 - 1991

सुचर्चित गीतकार और संपादक।

1860 -1928

द्विवेदी युग के कवि-अनुवादक। स्वच्छंद काव्य-धारा के प्रवर्तक।

1938 -2000

नवगीत काव्यधारा के प्रमुख कवियों में से एक युयुत्सावादी कवि। क्रांतिकारी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

1896 -1961

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।

1907 -2003

‘मधुशाला’ के लिए मशहूर समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

1938 -1994

हिंदी के सुकंठ गीतकार और नवगीतकार के रूप में चर्चित।

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